वित्तीय गणना
- कुल फसल लागत – ₹ 29,842/एकड़
- कुल आय – ₹ 57,120/एकड़
- कुल लाभ – ₹ 27,278/एकड़
धान की फसल कैलेंडर
महीना | कार्रवाई | विवरण |
जून जुलाई | बुवाई और रोपण | जून से जुलाई का प्रथम सप्ताह बुवाई के लिए उपयुक्त है। |
अगस्त सितम्बर | फसल प्रबंधन | उर्वरकों एवं कीटनाशकों का उपयोग। |
अक्टूबर - नवंबर | कटाई और थ्रेसिंग | जब फसल पक जाए तो कटाई करें और फिर मड़ाई करें। |
किस्मों
- एराइज 6444 - जीवाणुजनित पत्ती झुलसा प्रतिरोधी, अवधि - 135-140 दिन, उपज - 40 क्विंटल प्रति एकड़।
- पीएसी 837 - ब्लास्ट और जीवाणु पत्ती झुलसा प्रतिरोधी, अवधि - 130-135 दिन, उपज - 25 क्विंटल।
- केपीएच 9090 – संकर किस्म, अवधि – 130-135 दिन।
- एराइज 6129 गोल्ड - संकर किस्म, अवधि 115-120, जीवाणु पत्ती झुलसा के प्रति प्रतिरोधी।
कृषि प्रबंधन
चरण | विवरण |
भूमि | धान की अच्छी फसल के लिए कार्बनिक पदार्थ एवं जल धारण क्षमता वाली मिट्टी लाभदायक होती है। इसके लिए चिकनी मिट्टी या दोमट मिट्टी जिसका पीएच मान 6.5-7.0 हो, उपयुक्त होती है। |
जलवायु | धान की फसल के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। तापमान 20°C से 35°C और वार्षिक वर्षा – 175-300 सेमी। |
बुवाई का समय | धान की बुवाई मई के मध्य से जून के प्रथम सप्ताह तक की जाती है ताकि मानसून तक नर्सरी तैयार हो जाए। |
बीज दर | धान की सीधी बुआई के लिए प्रति एकड़ 6.5-8 किलोग्राम बीज का प्रयोग करें। एक एकड़ भूमि के लिए नर्सरी तैयार करने के लिए 8-10 किलोग्राम बीज का प्रयोग करें। |
बीज उपचार | फसल को फफूंद जनित रोगों से बचाने के लिए बुवाई से पहले बीजों को 2 ग्राम थाइरम 75 डब्ल्यूपी या 2.5 ग्राम कार्बेन्डाजी 50 डब्ल्यूपी प्रति किलोग्राम की दर से उपचारित करें। फसल को जीवाणु जनित रोगों से बचाने के लिए 1 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन को 10 लीटर पानी में घोल बनाकर बीजों को उपचारित करें। |
नर्सरी | 300-400 वर्ग मीटर क्षेत्र में एक एकड़ नर्सरी तैयार करें। 10 वर्ग मीटर में 50-60 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद, 220 ग्राम यूरिया और 300 ग्राम सिंगल सल्फर फॉस्फेट डालें। |
प्रत्यारोपण | रोपाई के लिए 18-22 दिन (कम अवधि वाली किस्म) या 25-30 दिन (मध्यम अवधि वाली किस्म) वाले पौधे चुनें। सीधी बुवाई के लिए दूरी – 20 X 5 सेमी रोपण के लिए – 20 X 15 सेमी रोपण की गहराई – 2 से 3 सेमी |
उर्वरक प्रबंधन | मिट्टी परीक्षण के अनुसार पोषक तत्वों का प्रयोग करें। यूरिया - 130 किग्रा प्रति एकड़ सिग्नल स्पर फॉस्फेट - 150 किग्रा प्रति एकड़ म्यूरेट ऑफ पोटाश - 40 किग्रा प्रति एकड़ |
जल प्रबंधन | धान की फसल के लिए खेत में 5-6 सेमी पानी खड़ा रखें। कटाई से 15 दिन पहले पानी निकाल दें। |
खरपतवार प्रबंधन | रोपण के 0-3 दिनों के भीतर पेंडीमेथालिन 30 ईसी - 1000-1200 मिली पाइराज़ोसल्फ्यूरॉन एथिल 10 डब्ल्यूपी - 60 ग्राम ब्यूटाक्लोर 50 ईसी 0 - 1200 मिली ऑक्साडी यार्गिल 6 ईसी - 200 मिली बिस्पायरिबैक सोडी रोपण के 20-25 दिन बाद यम 10 एससी - 100 मिली फेनोक्साप्रोप-पी-एथिल 9.3 ईसी - 400 मिली |
फसल काटने वाले | जब बालियाँ सुनहरी हो जाएँ, तब कटाई करें। कटाई में देरी न करें क्योंकि अगर देरी हुई तो दाने गिरने लगेंगे। |
उपज | धान की किस्म, मिट्टी की गुणवत्ता और वर्षा के स्तर के आधार पर उपज अलग-अलग हो सकती है। धान की औसत उपज 20-25 क्विंटल प्रति एकड़ है। |
कीट प्रबंधन
1. तना छेदक
- लक्षण - इस कीट की सुंडी तने को खाकर नुकसान पहुंचाती है, जिससे मध्यशिरा सूख जाती है (डेड हार्ट)। संक्रमित पौधे की बालियां सफेद रंग की दिखाई देती हैं।
- नियंत्रण - क्लोरेंट्रानी ली प्रोल 18.5 एससी - 60 मिली / 200 लीटर पानी प्रति एकड़
- फ्लूबेंडामाइड 39.35 एससी – 20 मिली/200 लीटर पानी प्रति एकड़
2. हूपर
- लक्षण - इस कीट के शिशु एवं वयस्क दोनों ही पत्तियों एवं बालियों का रस चूसते हैं। प्रकोप की प्रारंभिक अवस्था में पौधों पर
- वे काले पड़ जाते हैं और सूखने लगते हैं, जिसे 'हॉपर बर्न' कहा जाता है।
- नियंत्रण - पाइमेट्रोज़ाइम 50 डब्ल्यूजी - 120 ग्राम / 200 लीटर पानी प्रति एकड़
- डाइनोटेफ्यूरान 20 एसजी – 80 ग्राम / 200 लीटर पानी प्रति एकड़
3. बदबूदार कीड़ा
- लक्षण - ये कीट बीज उत्पादन अवस्था के दौरान दानों में बनने वाले दूध को चूसकर नुकसान पहुंचाते हैं। संक्रमित पौधों से दुर्गंध आने लगती है।
- नियंत्रण – इमी डेक्लोप्रिड 6 + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4 एसएल – 120 मिली / 200 लीटर पानी प्रति एकड़
- थियामेथोक्सम 25% डब्ल्यूजी – 40 ग्राम/200 लीटर पानी प्रति एकड़
4. पत्ती लपेट कीट
- लक्षण - इस कीट की इल्लियां पत्तियों को लम्बाई में मोड़कर अन्दरूनी सतह को खुरचकर खाती हैं, जिससे पत्तियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
- नियंत्रण - फ्लूबेंडियामाइड 20 डब्ल्यूजी - 50 ग्राम / 200 लीटर पानी प्रति एकड़
- क्लोरेंट्रानी ली प्रोल 18.5 एससी – 60 मिली/200 लीटर पानी प्रति एकड़